दिनाँक 05 - 08- 2024
।। ॐ विमुक्त्ताय नमः ।।
समझ
यह व्यावहारिक सच्चाई है कि अस्पष्ट भाषा शैली के बावजूद मनुष्यों को सरलता से अपने हित की बातों के हर पहलू अक्षरश समझ मे आ जाते है जबकि स्पष्ट शब्दों मे दुसरों के हितों के लिए बोली गई बातों के भावों को वो समझने मे अपनी असमर्थता व्यक्त्त करते है ।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।
आदर सहित
रजनीश पाण्डेय
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