दिनाँक 23 - 08- 2024
।। ॐ चर्मिणे नमः ।।
मानवीय समाज
मानवीय समाज का यह अति कड़वा व्यवाहारिक व विरोधाभाषी सत्य है जब मनुष्य गलत होता है तो बड़ी सरलता से समाज मे अपने आपको सही साबित कर लेता है परन्तु जब वह सही होता है उसे खुद को सही साबित करने मे बहुत कठिनाईयां पेश आती है ।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।
आदर सहित
रजनीश पाण्डेय
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