दिनाँक 25- 08- 2024
।। ॐ सर्वाङ्गाय नमः ।।
परम शक्त्ति
जब कभी भी हमारी तपस्या या ध्यान के वातावरण मे निःशब्दता, भाषा-विहीनता व एकांत का शुद्ध आवरण होता है तब हम परम शक्त्ति के दिव्य अस्तित्व को महसूस करते है तथा उससे संवाद स्थापित करते है ।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।
आदर सहित
रजनीश पाण्डेय
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