दिनाँक 04 - 10 - 2024
।। ॐ स्वयंभूताय नमः ।।
दृष्टिकोण
मनुष्य के ह्रदय मे आद्यात्मिक शान्ति व सन्तुष्टि की जब दिव्यता स्थापित हो जाती है तब हर प्रकार के दुःख-सुख, जय-पराजय या वैभव-पराभव के प्रति उसकी प्रतिक्रिया या दृष्टिकोण स्वतः ही समदर्शी हो जाता है ।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।
आदर सहित
रजनीश पाण्डेय
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें