दिनाँक 28 - 10 - 2024
।। ॐ मन्त्राय नमः ।।
पश्चाताप
किसी के साथ दुर्व्यवहार करने या उसके सम्मान को ठेस पहुंचाने का पश्चाताप हमारे ह्रदय मे बना रहता है परन्तु समय पर अपनी सार्थक भूमिका को ना निभाने का पश्चाताप या ग्लानि हर पल उम्रभर हमे दुःखी करता है ।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।
आदर सहित
रजनीश पाण्डेय
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