दिनाँक 05 - 11 - 2024
।। ॐ महाबलाय नमः ।।
आदर्श स्तर
सम्बन्धों का आदर्श स्तर तब परिलक्षित होता है जब दो विरोधी विचारधारा के व्यक्त्ति सौम्यता से अपने मतभेदों का आनन्द उठाकर पूर्ण परिपक्वता से आपसी सम्बन्धो को स्थायित्व देते है ना कि जब एक विचारधारा के व्यक्त्ति इसे गम्भीरता से निभाते है ।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।
आदर सहित
रजनीश पाण्डेय
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