दिनाँक 18 - 12 - 2024
।। ॐ श्रृगालरूपाय नमः ।।
आनन्द
ज्ञान का स्त्रोत मौन है और अज्ञान का स्त्रोत अशान्त चित्त है अतः शान्त व शीतल चित्त से मौन रहकर ही जीवन का आनन्द लिया सकता है ना कि चित्त को अनावश्यक विषयो मे व्यस्त रखकर ।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।
आदर सहित
रजनीश पाण्डेय
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