दिनाँक 30 - 12 - 2024
।। ॐ नभस्थलाय नमः ।।
परिवर्तन
यथा स्थिति की विचारधारा मनुष्य को एक वातावरण मे सिकोड़कर रखती है जबकि परिवर्तनशील विचारधारा मनुष्य को नये नये आयाम प्रदान करती है जो मनुष्य के विकास, प्रगति या उन्नतिशील जीवन का आधार बनती है । अतः परिवर्तन से ना डरे बल्कि इसका आनन्द लें ।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।
आदर सहित
रजनीश पाण्डेय
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