दिनाँक 17 - 01 - 2025
।। ॐ निधये नमः ।।/
स्वभाव
जीवन-संघर्ष के दौरान मनुष्य के स्वभाव मे प्यार, त्याग, सामंजस्य व समर्पण का समावेश बना रहता है परन्तु थोड़ी-सी सम्पन्नता मिलते ही उसका स्वभाव स्वार्थी और संकीर्ण हो जाता है जिसकी परिणीति अवसादग्रस्त व एकाकी जीवन की होती है। इससे हमेशा सावधान रहे है ।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।
आदर सहित
रजनीश पाण्डेय
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