दिनाँक 10 - 01 - 2025
।। ॐ महत्ते नमः ।।/
सृजन
कुशल शिल्पकार चट्टान से अनावश्यक भाग को हटाकर शेष भाग को तराशकर दिव्यकृत्ति का सृजन करता है । इसी प्रकार से आकर्षक भविष्य के सृजन के लिए आवश्यक है कि मनुष्य के विचार स्पष्ट व दूरदर्शी हो तथा कार्य योजना सुसंगठित व समावेशी हो ।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।
आदर सहित
रजनीश पाण्डेय
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