दिनाँक 21 - 02 - 2025
।। ॐ नीलकण्ठाय नमः ।।/
प्रेम व मानवता
प्रेम व मानवता के सिद्धांतों को अपने चरित्र मे शामिल करना है तो हमें सर्वप्रथम हमे अपनी प्रिय से प्रिय वस्तुओ को सहजता से खोने और उन्हें खोकर मुस्कराते हुए जीवन यापन करने की कला मे दक्षता को हासिल करना आवश्यक है ।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।
आदर सहित
रजनीश पाण्डेय
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