दिनाँक 20 - 02 - 2025
।। ॐ अनिमिशाय नमः ।।/
मक्कड़-जाल
मनुष्य का क्रोधी स्वभाव ही उसके अपने चारों ही ऐसा नकारात्मक व अशोभनीय मक्कड़-जाल बुनता जाता है जिसमे वह स्वयम ही दिन-प्रतिदिन फँसता, उलझता व पछताता रहता है और जीवन की दौड़ मे भी पिछड़ता जाता है ।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।
आदर सहित
रजनीश पाण्डेय
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