दिनाँक 17 - 03 - 2025
।। ॐ खड्गिने नमः ।।/
जीवन शैली
सभी मनुष्य जन्म से अबोध व निश्चल होते है लेकिन धीरे उम्र बढ़ने पर उनकी जीवन की शैली व उनके व्यक्त्तित्व का स्वरूप उनकी विचारों की प्रकृत्ति के द्वारा स्वतः ही निर्मित व निर्धारित होता है। अतः हम अपने विचारों को हमेशा सुसंस्कृत, सुदृढ़ व व्यवाहारिक बनाये रखें ।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।
आदर सहित
रजनीश पाण्डेय
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