दिनाँक 16 - 03 - 2025
।। ॐ शतन्घिने नमः ।।/
संशय
विगत असफलताएं हमारे लिए अभिशाप व दण्ड नही है बल्कि ये हमारी कमी को ऊजागर करती है। ये हमाारी नवीन ऊर्जा के संचार का स्त्रोत है तथा एक अतिरिक्त्त सार्थक प्रयास करने की भी प्ररेणा देती है जबकि संशय व अकर्मण्यता हमे लक्ष्य से हमेशा दूर रखती है ।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।
आदर सहित
रजनीश पाण्डेय
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