दिनाँक 11 - 04 - 2025
।। ॐ मुहूर्ताहः क्षपाभ्यो नमः ।।
बेजोड़
अपने व्यक्त्तित्व को श्रेष्ठ बनाने की बजाय हम अपने व्यक्त्तित्व को विशिष्ट या बेजोड़ बनाने मे व्यस्त रहे तो ये श्रेयस्कर रहेगा क्योंकि श्रेष्ठता का आंकलन तो योग्यता के विभिन्न पायदानों के क्रमानुसार होता है जबकि बेजोड़ व्यक्त्तित्व सदैव बेजोड़ या अतुलनीय बना रहता है ।
सुप्रभात🙏🌹
आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।
आदर सहित
रजनीश पाण्डेय
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