दिनाँक 22 - 04 - 2025
।। ॐ मात्रे नमः ।।/
स्थायी
जब यह समझ मे आ जाता है कि जीवन मे सुख-दुःख या अनुकूल-प्रतिकूल परिस्थितियाँ कोई भी स्थायी नहीं है तब हमारे चरित्र मे धैर्य व क्षमा जैसे सदगुण स्वतः ही शामिल हो जाते है और हमारे स्वभाव मे दुसरो के दोष निकालने की प्रवृत्ति भी समाप्त हो जाती है ।
सुप्रभात🙏🌹
आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।
आदर सहित
रजनीश पाण्डेय
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