दिनाँक 11 - 06 - 2025
।। ॐ गुहाय नमः ।।/
विजय
वाद-विवाद या बहस से मिलने वाली क्षणिक विजय वास्तव मे अर्थहीन व खोखली ही होती है क्योकि इससे सामने वाले के विचार तो बिल्कुल नहीं बदलते हैं परन्तु उसके मन में स्थायी रूप से आपसी द्वेष एवं रिश्तों में दूरी अवश्य उत्पन्न हो जाती है l
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।
आदर सहित
रजनीश पाण्डेय
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