दिनाँक 13 - 06- 2025
।। ॐ निजाय सर्गाय नमः ।।/
ढूंढ
जब भी मनुष्य दुसरे व्यक्त्ति के अन्दर कुछ भी बेहतर ढूंढने मे कामयाब हो जाता है तो यह भी स्पष्ट है कि उसने अपने अन्दर भी बेहतर से बेहतर कुछ ढूंढ लिया है और उसने स्वयम को भी समझना आरम्भ कर दिया है ।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।
आदर सहित
रजनीश पाण्डेय
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