दिनाँक 19 - 06 - 2025
।। ॐ राजराजाय नमः ।।
कला
यह हमेशा ध्यान रखिए कि अपने सामर्थ्य, विचारो व प्रयासों की सीमा की परिधि मे जीवन का आनन्द लेना ही सौम्य, स्वछंद, ऊर्जावान, सन्तुष्ट व उत्कर्ष्ट जीवन जीने की एकमात्र सर्वोत्तम कला है ।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।
आदर सहित
रजनीश पाण्डेय
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