दिनाँक 05 - 07- 2025
।। ॐ शुचये नमः ।।/
जीवन
जीवन की सीमा केवल हमारे अपने आप या स्वयम तक सीमित नही है । ये समाजिक ताने-बाने का एक महत्वपूर्ण भाग है जिसमे एक-दुसरे के सुख-दुःख मे निःस्वार्थ भाव से हिस्सेदारी को निभाना भी सम्मिलित है ।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।
आदर सहित
रजनीश पाण्डेय
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें