दिनाँक 07 - 07 - 2025
।। ॐ परस्मै नमः ।।/
प्रतिक्रिया
मनुष्य जितना प्रतिक्रिया देने से बचेगा उतना ही उसका जीवन शान्त व सौम्य होगा क्योंकि प्रतिक्रिया की आवश्यकता केवल विचारो का विरोध व निषेध करने के लिए ही होती है जो केवल वैमनस्य उत्पन्न करती है जबकि अपेक्षित सहमति अर्थपूर्ण मौन रहकर भी दी जा सकती है ।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।
आदर सहित
रजनीश पाण्डेय
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