दिनाँक 10 - 07 - 2025
।। ॐ विमुक्त्ताय नमः ।।
समझ
यह व्यावहारिक सच्चाई है कि संवाद की अस्पष्ट शैली होने के बावजूद सभी मनुष्य सरलता से अपने हित की बातों के हर पहलू को अक्षरश समझ जाते है जबकि स्पष्ट शैली मे समाजिक व राष्ट्रीय सरोकार से सम्बन्धित बातों के भावों को वो समझने मे अपनी असमर्थता व्यक्त्त करते है ।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।
आदर सहित
रजनीश पाण्डेय
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें