दिनाँक 07 - 08 - 2025
।। ॐ सर्वभावनाय नमः ।। 17
सामंजस्य
जीवन की परिस्थितियो के प्रति हमारे लापरवाह रवैए के कारण ही अधिकतर हमारे अन्दर उद्विग्नता व तनाव की स्थिति उत्पन्न होती है ना कि परिस्थितियों की मूल प्रकृत्ति के कारण । अतः सदैव परिस्थितियो व अपनी प्रतिक्रिया के बीच गम्भीर व उचित सामंजस्य स्थापित करें ।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।
आदर सहित
रजनीश पाण्डेय
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