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फ़रवरी, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

दिन का आरम्भ

   दिनाँक 01  - 04 - 2022    ।।  ॐ  व्यवसायाय नमः  ।।  साकारात्मक ऊर्जा के लिये दिन का आरम्भ असफल व कष्टदायाक अनुभव को नजरअंदाज करते हुए एक नई उम्मीद  के साथ करें ।  हमेशा अपना आत्मविश्वास अच्छे भविष्य व अनुकल परिस्थिति के लिये बनाये रखें तथा उसके लिये अपने सार्थक प्रयास भी करें । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो।  भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे।  जय शंकर जी की ।

सन्तोष व शान्ति

  दिनाँक 01 - 03 - 2022    ।।  ॐ  गुणाकराय  नमः ।।  मन-मस्तिष्क और ह्रदय में सन्तोष व आद्यात्मिक शान्ति का वास ही सबसे कीमती धन या उपहार होता  है जिसे हम दुसरों  से किसी भी प्रकार की अपेक्षा व सहायता के ना प्राप्त होने के भाव को मन-मस्तिष्क से स्वीकार करने पर ही हम अपने आपको खुद ही सहजता से दे सकते है । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो।  भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे।  जय शंकर जी की । आदर सहित

लक्ष्य

दिनाँक 28 - 02 - 2022    ।।  ॐ  लोकधात्रे  नमः ।।   जीवन मे केवल इच्छाएं और उम्मीद रखने से ज़िन्दगी कभी भी बेहतर नहीं हो सकती इसके लिए यह आवश्यक है कि हम अपने लक्ष्य के अनुरूप रचनात्मक व सकारात्मक कार्यो के द्वारा अपनी जीवन शैली मे भी जरूरी बदलाव, परिवर्तन या सुधार भी करें । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो।  भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे।  जय शंकर जी की ।

स्पष्टीकरण

दिनाँक 27 - 02 - 2022    ।।  ॐ  कालाय  नमः ।।   दुर्जन, कपटी और दुष्ट व्यक्त्ति के समक्ष कभी भी खेद या पछतावा प्रकट ना करें क्योंकि आपका व्यवहार व प्रकृत्ति ही   स्वयम  आपके प्रत्येक कृत्य का सभी संबन्धित पक्ष को आपकी विश्वसनीयता व दोषहीनता का स्पष्टीकरण  होता  है जबकि कपटी व्यक्त्ति के  कृत्य के   विषय मे सभी लोग पूर्ण रूप से अवगत होते हैं। शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो।  भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे।  जय शंकर जी की ।

जिन्दगी का अर्थ

 दिनाँक 26 - 02 - 2022    ।।  ॐ  दैत्यध्ने  नमः ।।  जिन्दगी के अर्थ की सार्थकता तभी अपने आप को पूर्ण रूप से परिभाषित करती है जब आँखों मे कुछ ख़्वाब हो, दिल में कुछ उम्मीदें हो तथा कुछ करने का आत्मिक बल भी हो। शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो।  भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे।  जय शंकर जी की ।  

शान्त व्यक्तित्व

दिनाँक 25- 02 - 2022    ।। ॐ  गजध्ने  नमः ।।   यह मानना सरासर गलत है कि शान्त व प्रसन्नचित व्यक्त्ति को उनके जीवन में कोई कष्ट व दुःख नहीं होता बल्कि यह इस तथ्य को इंगित करता है कि वे प्रत्येक विपरीत परिस्थिति को नियंत्रित करने मे कुशल व समर्थ होते है।  शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो।  भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे।  जय शंकर जी की ।

कोशिश

  दिनाँक 24 - 02 - 2022    ।। ॐ  सुवर्चसाय  नमः ।।  संघर्षशील व सुखी जीवन का सिर्फ एकमात्र गूढ़ सूत्र है कि हर कोशिश में शायद हमें सफलता ना मिलें लेकिन हमारी हर सफलता का आधार सिर्फ ईमानदार कोशिश ही होता है शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो।  भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे।  जय शंकर जी की ।

निर्णय

दिनाँक 23 - 02 - 2022    ।। ॐ  तिग्ममन्यवे  नमः ।।  हमारी निर्णय लेने की क्षमता का खूबसूरत पक्ष तभी उजागर होता है जब समय पर लिया गया छोटा-सा निर्णय भी हमारी ज़िन्दगी की  प्रकृत्ति को पूर्ण रूप से बदलकर  सरल व मनोहर बना देता है। शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो।  भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे।  जय शंकर जी की ।

नियंत्रण

दिनाँक 22 - 02 - 2022    ।। ॐ  नक्तमचराय   नमः ।।  लोग आपकी बुराई या आलोचना करें और आप दुःखी हो जाएं । लोग आपकी तारीफ व प्रंशसा करें और आप खुश हो जाए तो समझ लीजिए आपके सुख-दुख का पूर्ण नियंत्रण दूसरों के हाथों में है । कोशिश कीजिए कि ये नियंत्रण सदा आपके हाथ में ही रहे । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो।  भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे।  जय शंकर जी की ।

शक्तिशाली या कमजोर

 दिनाँक 21 - 02 - 2022    ।। ॐ अहश्र्चराय  नमः ।।  इतने शक्तिशाली और सरल जरूर बनो कि दूसरों की गलती को माफ़ कर सको परन्तु इतने भी कमजोर व मूर्ख ना बनो कि उन पर अपना विश्वास लगातार बनाये रखो। शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो।  भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे।  जय शंकर जी की ।

ज्ञान की परिभाषा

  दिनाँक 20 - 02 - 2022    ।। ॐ  विभवे  नमः ।।  ज्ञान की गूढ़ परिभाषा के अन्तर्गत सब कुछ सीखना ही ज्ञान नही है अपितु कुछ बातों को नजर अंदाज करना भी ज्ञान की क्रमबद्ध श्रंखला का अहम हिस्सा है । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो।  भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे।  जय शंकर जी की ।

स्वभाव की स्वीकार्यता

 ।। ॐ  सेनापतये    नमः ।।  हमारे स्वभाव की दो आदतें या प्रकृत्ति समाज में हमारी स्वीकार्यता का स्तर सर्वोच्च पायदान पर स्थापित करती हैं। प्रथम हम इस तरह बोले कि सभी हमे दिल से सुनना पसन्द करें और द्वितीय दूसरों को हम इस तरह से सुने कि सभी अपने मौलिक विचार हमसे पूर्ण  विश्वास के साथ साझा कर सके।