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जनवरी, 2025 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

प्राथमिकता

दिनाँक 01 - 02 - 2025    ।। ॐ अनघाय नमः ।।/ प्राथमिकता कभी - कभी उपलब्ध समय या अवसर पर अपने स्वयम के उपयोग के लिए अपनी प्राथमिकता व पूर्वाधिकार को बनाये रखिए । यह स्वार्थी व्यवहार या विचार नही है बल्कि समाज मे प्रथम पंक्त्ति मे बने रहने के लिए यह अति आवश्यक निर्णय है । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की । आदर सहित  रजनीश पाण्डेय

कला

दिनाँक 31 - 01 - 2025    ।। ॐ मृगबाणार्पणाय नमः ।।/ कला जीवन जीने की कला मे वही व्यक्त्ति वास्तव मे निपुण या प्रवीण है जो उन सभी अनुकूल व प्रतिकूल पलों की जिसकी उसने कभी आशा या इच्छा नही की थी उनका आनन्द भी पूर्ण प्रसन्नता व सहजता से उठता है । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की । आदर सहित  रजनीश पाण्डेय

ठेस

दिनाँक 30 - 01 - 2025    ।। ॐ अत्र्या नमस्कर्त्रे नमः ।।/ ठेस समझदार व परिक्व व्यक्ति जब हमसे संबंध निभाना बंद कर दे या हमे नजरअन्दाज करना आरम्भ कर दे तब हमे स्वीकार करना चाहिए कि हमने अपने दोषपूर्ण व्यवहार या अनुचित भाषा - शैली के द्वारा उसके आत्मसम्मान को कहीं ना कहीं गहरी ठेस अवश्य पहुँची है । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की । आदर सहित  रजनीश पाण्डेय

प्रमाण - पत्र

दिनाँक 29 - 01 - 2025    ।। ॐ अत्रये नमः ।।/ प्रमाण-पत्र शारीरिक व शैक्षिक योग्यता का प्रमाण पत्र केवल आवश्यक लिखित व शारीरिक परीक्षा उत्तीर्ण करने व शिक्षा-शुल्क की एक रसीद या पावती मात्र है जबकि हमारा व्यवहार ही यथार्थ रूप से उसे मूल्यांकित या उसका प्रतिनिधित्व करता है । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की । आदर सहित  रजनीश पाण्डेय

आद्यात्मिक जीवन

दिनाँक 28 - 01 - 2025    ।। ॐ वराय नमः ।।/ आद्यात्मिक जीवन  आद्यात्मिक जीवन को प्रवीणता से यापन करने की कला की एक प्रमुख विशेषता होती है कि इसमे मनुष्य सभी से मधुर, जीवित और सात्विक सम्बन्ध बनाए रखता है परन्तु वह किसी के प्रति ना तो वह अनुरक्त्त होता है और ना ही वहआसक्त्त होता है । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की । आदर सहित  रजनीश पाण्डेय

उपयोगिता

दिनाँक 27 - 01 - 2025    ।। ॐ ग्रहपतये नमः ।।/ उपयोगिता हमारी व्यवाहारिक कुशलता, उपयोगिता व सह्रदयता की प्रमाणिकता तभी स्पष्टता से उजागर होती है जब हमारी उपस्थिति से कोई व्यक्त्ति स्वयम के दुःख भुल जाए और अनुपस्थिति मे हमारी गैर-मौजूदगी को सभी व्यक्त्ति महसूस करें । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की । आदर सहित  रजनीश पाण्डेय

निःस्वार्थ

दिनाँक 26 - 01 - 2025    ।। ॐ ग्रहाय नमः ।।/ निःस्वार्थ  गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाये।  हमारे निःस्वार्थ प्रेम की परिभाषा वास्तविकता मे तभी चरितार्थ होती है जब हम अपने हितैषी व बन्धु-बान्धव की चिन्ता शब्दों से नही बल्कि अपने ह्रदय से करते है और उनसे अपना गुस्सा ह्रदय से ना करके सिर्फ शब्दों से ही व्यक्त्त करते है । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की । आदर सहित  रजनीश पाण्डेय

योगदान

दिनाँक 25 - 01 - 2025    ।। ॐ केतवे नमः ।।/  योगदान  अपनी समाजिक स्वीकार्यता बढाने के साथ-साथ मानसिक शान्ति को बनाए रखने के लिए यह जरूरी है कि प्रत्येक व्यक्त्ति के छोटे-से-छोटे सकारात्मक योगदान के अहमियत की प्रशंसा व क़द्र करें । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की । आदर सहित  रजनीश पाण्डेय

अनुमति

दिनाँक 24 - 01 - 2025    ।। ॐ शनये नमः ।।/ अनुमति सकारात्मक कार्य करने के लिए यश-अपयश की चिन्ता करने व किसी की अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि हम अपनी क्षमता, योग्यता व कुशलता का उपयोग करने के लिए निर्बाध रूप से सदा स्वतंत्र व स्वछंद है । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की । आदर सहित  रजनीश पाण्डेय

विचार विमर्श

दिनाँक 21 - 01 - 2025    ।। ॐ नक्षत्रसाधकाय नमः ।।/ विचार-विमर्श  सकारात्मक विषयों पर गुणीजनो से तार्किक तथ्य पर आधारित विचार - विमर्श ही बेशकीमती और ज्ञानवर्धक होता है जो प्रतिकूल परिस्थितियो का सफलतापूर्वक सामना करने व उज्ज्वल भविष्य के निर्माण का आधार बनता है । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की । आदर सहित  रजनीश पाण्डेय

नाराजगी

दिनाँक 20 - 01 - 2025    ।। ॐ सोमाय नमः ।।/ नाराजगी करीबी सम्बन्धों मे ही नाराजगी होती है । ये बहुत कोमल तथा अपनत्व के भाव से सराबोर होती है । छोटी-सी पहल या अपनत्व का हल्का स्पर्श मिलते ही यह समाप्त भी हो जाती है अन्यथा ये नाराजगी सम्बन्धो के टूटने का कारण बन जाती है । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की । आदर सहित  रजनीश पाण्डेय

स्वतंत्र अधिकार

दिनाँक 23 - 01 - 2025    ।। ॐ  सूर्याय  नमः ।।/ स्वतंत्र अधिकार  यदि मनुष्य को उचित निर्णय लेने व समाजिक सरोकारों का निर्वहन सफलतापूर्वक करना है तो उसे अपने निर्णयो मे अपने किसी एक अनुभवी मित्र, हितैषी व सम्बन्धी को पूर्ण रूप से रोकने -टोकने, हस्तक्षेप करने व समझाने का स्वतंत्र अधिकार देना भी नितान्त आवश्यक है । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की । आदर सहित  रजनीश पाण्डेय

नई सुबह

दिनाँक 22 - 01 - 2025    ।। ॐ चन्द्राय नमः ।।/ नई सुबह  उम्र के आखिरी पल तक जीवन मे सब कुछ खत्म हो गया हो जैसा कुछ भी नही होता है इसलिए निराश होने की कोई वजह नही है क्योकि हमेशा एक नई सुबह हमारे आकर्षित भविष्य के लिए एक सुनियोजित प्रयास का बेसब्री से इन्तजार करती है । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की । आदर सहित  रजनीश पाण्डेय

लोग

दिनाँक 19 - 01 - 2025    ।। ॐ विशालाक्षाय  नमः ।।/ लोग ज़िन्दगी मे हमे अधिकतर ऐसे लोग मिलते है जिन्हें हमारा सब कुछ चाहिए परन्तु पूरी ज़िन्दगी मे कुछ लोग ही ऐसे मिलते है जिन्हे हमारी सम्पत्ति के बजाय सिर्फ हमारा साथ ही चाहिए । ऐसे लोगो का सदा विशेष ध्यान रखें । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की । आदर सहित  रजनीश पाण्डेय

स्वयम

दिनाँक 16 - 01 - 2025    ।। ॐ आदिकराय नमः ।।/ स्वयम  दायित्वों का निर्वहन सदा निष्ठावान और सचेत होकर जरूर करें परन्तु अपने स्वयम के लिए भी पर्याप्त समय अवश्य दें और उन सिद्धांतों व कार्यों को कभी भी नजरअंदाज ना करें जिनसे खुद को आनन्द व प्रसन्नता मिलती हो। शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की । आदर सहित  रजनीश पाण्डेय

विचार

दिनाँक 18 - 01 - 2025    ।। ॐ सहस्राक्षाय नमः ।।/ विचार  हर विचार से शब्द बनता है । हर शब्द से प्रवृत्ति बनती है । प्रवृत्ति से संस्कार बनते है । अतः अपने विचार के प्रति सदा सजग रहे ताकि विचार से संस्कार तक की यात्रा उचित दिशा मे बनी रहे तथा आने वाली पीढ़ी के लिए अनुकरणीय बने । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की । आदर सहित  रजनीश पाण्डेय

स्वभाव

दिनाँक 17 - 01 - 2025    ।। ॐ निधये नमः ।।/ स्वभाव  जीवन-संघर्ष के दौरान मनुष्य के स्वभाव मे प्यार, त्याग, सामंजस्य व समर्पण का समावेश बना रहता है परन्तु थोड़ी-सी सम्पन्नता मिलते ही उसका स्वभाव स्वार्थी और संकीर्ण हो जाता है जिसकी परिणीति अवसादग्रस्त व एकाकी जीवन की होती है। इससे हमेशा सावधान रहे है । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की । आदर सहित  रजनीश पाण्डेय

मानव जीवन

दिनाँक 15 - 01 - 2025    ।। ॐ आदये नमः ।।/ मानव जीवन  इस नश्वर संसार मे कुछ भी स्थायी नही है यहाँ तक की हमारा अपना शरीर भी नश्वर है। अतः हर प्रतिकूल परिस्थिति मे तनाव मुक्त्त रहे और सिर्फ अपने दायित्वों को प्रसन्न होकर पूरा करने का प्रयास करें । आत्मचिंतन करें और सरल बने रहे । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की । आदर सहित  रजनीश पाण्डेय

दृष्टिकोण

दिनाँक 14 - 01 - 2025    ।। ॐ  स्वयंभूताय  नमः ।।/ दृष्टिकोण  मनुष्य के ह्रदय मे आद्यात्मिक शान्ति व सन्तुष्टि की जब दिव्यता स्थापित हो जाती है तब हर प्रकार के दुःख-सुख, जय-पराजय या वैभव-पराभव के प्रति उसकी प्रतिक्रिया या दृष्टिकोण स्वतः ही समदर्शी हो जाता है । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की । आदर सहित  रजनीश पाण्डेय

दिन

दिनाँक 13 - 01 - 2025    ।। ॐ सर्वकर्मणे नमः ।।/ दिन कोई भी दिन अनुकूल व प्रतिकूल नही होता है बल्कि यह इस पर निर्भर करता है कि हमने अपनी क्षमता व कुशलता का उपयोग परिस्थिति अनुसार कितने आत्मविश्वास के साथ किया है । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की । आदर सहित  रजनीश पाण्डेय

अपेक्षा

दिनाँक 12 - 01 - 2025    ।। ॐ नियमाश्रिताय नमः ।।/ अपेक्षा जिन लोगो ने हमे निराश किया है उनसे नाराज होने से पहले उनकी योग्यता, क्षमता व कुशलता और अपनी अपेक्षाओ के मध्य सही सामंजस्य का आंकलन अवश्य करना चाहिए । अन्त मे, निष्कर्ष यही निकलेगा कि दुसरो से अधिक अपेक्षाएं करना व्यर्थ है । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की । आदर सहित  रजनीश पाण्डेय

ऊर्जा

दिनाँक 11 - 01 - 2025    ।। ॐ नियमाय नमः ।।/ ऊर्जा मनुष्य की ऊर्जा व शक्त्ति का सकारात्मक उपयोग तब ही सम्भव हो सकता है जब वह इसका प्रयोग कुछ नया सकारात्मक सृजन करने और समाजिक योगदान मे ही करें ना कि पुराने विवादों व समस्याओ को सुलझाने मे इसका प्रयोग करें । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की । आदर सहित  रजनीश पाण्डेय

सृजन

दिनाँक  10 - 01 - 2025    ।। ॐ  महत्ते  नमः ।।/ सृजन कुशल शिल्पकार चट्टान से अनावश्यक भाग को हटाकर शेष भाग को तराशकर दिव्यकृत्ति का सृजन करता है । इसी प्रकार से आकर्षक भविष्य के सृजन के लिए आवश्यक है कि मनुष्य के विचार स्पष्ट व दूरदर्शी हो तथा कार्य योजना सुसंगठित व समावेशी हो । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की । आदर सहित  रजनीश पाण्डेय

मुश्किल काम

दिनाँक 08 - 01- 2025    ।। ॐ हयर्गधभये नमः ।।  मुश्किल काम  सबसे मुश्किल काम है धैर्य व पूर्ण आत्मविश्वास के साथ लक्ष्य पथ पर अकेले चलते रहना लेकिन यही व्यवहार, विश्वास और चरित्र सफल जीवन जीने के लिए मनुष्य को ओर अधिक परिपक्व, गम्भीर, जीवट और संघर्षशील बनाए रखता है । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की । आदर सहित  रजनीश पाण्डेय

प्रतिक्रिया

दिनाँक 06 - 01 - 2025    ।। ॐ अन्तर्हितत्मने नमः ।।/ प्रतिक्रिया हमारी प्रतिक्रियाएं ही जीवन मे तनाव, अवसाद या उद्विग्नता का एक मात्र कारण होती है । अतः तनावमुक्त व हर्षित जीवन के लिए प्रतिकूल स्थिति मे भी अपनी प्रतिक्रिया संभलकर व संयत होकर दें तथा धैर्य रखें कि इस परिवर्तनशील संसार मे अनुकूल परिस्थितियां भी अवश्य आएंगी। शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की । आदर सहित  रजनीश पाण्डेय

विशेष

दिनाँक 09 - 01- 2025    ।। ॐ पवित्राय नमः ।।/  विशेष सभी लोगो के लिए हम विशेष, अजीज या खास व्यक्त्ति नही हो सकते है लेकिन उस व्यक्त्ति के लिए हम सदा महत्वपूर्ण या विशेष व्यक्त्ति होते है जो हमारे हितों का ख्याल रखता है तथा विपरीत परिस्थातियो मे हमारा उत्साहवर्धन व सहयोग करता है । अतः सदा उसका आदर करें । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की । आदर सहित  रजनीश पाण्डेय

सम्भव

दिनाँक  07 - 01- 2025    ।। ॐ प्रसादाय नमः ।।/ सम्भव  जब मनुष्य अकर्मण्यता के बोध से ग्रसित हो जाता है तब वह असम्भव शब्द की अवधारणा को स्वयम ही परिभाषित व चरितार्थ करता है। इसके विपरीत, मनुष्य के सार्थक प्रयासों की श्रृखंला या निरन्तरता सम्भव शब्द के विचार को स्थापित करती है । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की । आदर सहित  रजनीश पाण्डेय

हार - जीत

दिनाँक 05 - 01- 2025    ।। ॐ लोकपालाय नमः ।।/ हार - जीत लोकप्रिय, व्यावहारिक या सफल व्यक्त्ति यह समझता है कि कहाँ - कहाँ पर किस प्रतिद्वंदी से जीतना और सिर्फ जीतना ही विकल्प है तथा किस - किस सहयोगी व हितैषी से कहाँ पर सिर्फ हारना ही बुद्धिमत्ता है । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की । आदर सहित  रजनीश पाण्डेय

कर्मनिष्ठ

दिनाँक  04- 01- 2025    ।। ॐ महाहणवे नमः ।।/ कर्मनिष्ठ  सभी कुछ जीवन मे पूर्व निर्धारित या सुनियोजित नही होता है क्योंकि कर्मनिष्ठ व कर्मयोगी व्यक्त्ति अपने सपनो को हासिल करने व जीवन की महत्वपूर्ण परिस्थितियों को अपने अनुकूल निर्मित व परिवर्तित करने मे सक्षम होते है । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की । आदर सहित  रजनीश पाण्डेय

खुशी

दिनाँक 03 - 01- 2025    ।। ॐ  विश्वरूपाय  नमः ।।/ खुशी इस तथ्य को हम गम्भीरता से समझ लें कि सम्बन्ध, पद, सुन्दरता, वैभव, कार्य, धन आदि आदि से प्रसन्नता या खुशी नही मिलती बल्कि खुशी या आनन्द को अपने अन्दर खोज कर ही अनुभव किया जा सकता है । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की । आदर सहित  रजनीश पाण्डेय

क्षमता

दिनाँक 02 - 01 - 2025     ।। ॐ रूद्राय नमः ।।/ क्षमता कोई भी व्यक्त्ति खुशियों के साथ जन्म नही लेता है परन्तु प्रत्येक व्यक्त्ति मे इतनी ऊर्जा, योग्यता व क्षमता होती है जीवन की किसी भी परिस्थिति के सकारात्मक पक्ष का आनन्द लेकर प्रसन्न व खुश रह सकता है । यही सौम्य जीवन का मूल-मन्त्र है । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की । आदर सहित  रजनीश पाण्डेय