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अक्टूबर, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

परिपक्वता

दिनाँक   01 - 11 - 2022    ।। ॐ  भगहारिणे  नमः ।। उम्र के साथ - साथ परिपक्वता आ जाये यह आवश्यक नहीं परन्तु उम्र के अनेकों पड़ावों पर विपरीत परिस्थितियों, कठिन चुनोतीयों, कष्टों व दुःखों का जीवटता के साथ सामना करने और  कर्तव्यो व दायित्वों का सफलता से निर्वाहन करने से हमारी परिवक्वता में गुणात्मक वृद्धि अवश्य होती है । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।

मानवीय स्थिति

दिनाँक  31  - 10 - 2022    ।। ॐ नन्दीव्रद्धनाय नमः ।। जब हमारी इच्छाएं व सपने हमारी कोशिशों को पराजित करती है तो हम अपने आप मे हताशा, अवसाद व कुंठा की स्थिति को महसूस करते हैं परन्तु जब हमारे प्रयास हमारे सपनो पर विजय या सफलता को प्राप्त करते है तो ये सफलताएं हमें अगले लक्ष्य के लिये ऊर्जावान व उत्साहित करती हैं। शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।

जीवन

दिनाँक   30 - 10 - 2022    ।। ॐ नन्दनाय नमः ।। दार्शनिक दृष्टिकोण से जीवन की परिभाषा को इस प्रकार परिभाषित कर सकते हैं कि जब हम अपना दर्द महसूस करते हैं तो वास्तविक रूप  में हम जीवित प्राणी का जीवन जीते है परन्तु जब हम दूसरों का दर्द महसूस करते हैं तब हम मानवता से ओत-प्रोत जीवन को जीते हैं। शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।

सफल जीवन

दिनाँक  29  - 10 - 2022    ।। ॐ  नन्दीने नमः ।। जो कुछ भी हम सोचे उसे पूरे आत्मविश्वास  से तुरन्त करें परन्तु यह भी ध्यान रखें हमारे द्वारा सम्पन्न कार्य  हमारे चेहरे पर मुस्कान व प्रसन्नता को विखेरे इसके साथ साथ ह्रदय में सन्तोष, शान्ति तथा आध्यात्मिक आनन्द को भी स्थापित करें। यही सफल जीवन की परिभाषा या दर्शन है । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।

कर्मनिष्ठ व कर्मवीर

दिनाँक   28 - 10 - 2022    ।। ॐ  नन्दीश्वराय  नमः ।। कर्मनिष्ट और कर्मवीर व्यक्ति अपने काम का बखान नहीं करते बल्कि वे अपना कार्य स्वाभाविक रूप से करके सदा शान्त रहते है । परन्तु उनकी सफलताएं अवश्य ही दूसरों को लगातार अचंभित व चौकांती रहती है । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।

जन्म-मत्यु व जीवन

दिनाँक   27 - 10 - 2022    ।। ॐ  हरये  नमः ।। जन्म-मृत्यु के बीच की अवधि या अन्तराल का जीबन क्षण-भुंगर व अनिश्चित ही है इसलिये  सदा व्यस्त, मस्त, खुश और प्रसन्न रहकर जीवन के हर पल का आनन्द लें और दूसरों के कष्टों व दुःखों को सांझा करके प्रफुल्लित व आनन्दित भी रहिये । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।

आत्मिक आनन्द

दिनाँक   26 - 10 - 2022    ।। ॐ  नन्दिकराय  नमः ।। आत्मिक आनन्द व प्रसन्न्ता हमें तब ही मिलती हैं जब हमारा चिन्तन, विचार व कर्म एकजुट होकर निःस्वार्थ भाव से सामाजिक समानता व उसके उत्थान के लिये अपना शत-प्रतिशत योगदान देते हैं । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।

सत्य और दलील

दिनाँक  25 - 10 - 2022    ।। ॐ नन्दये नमः ।। यह व्यवहारिक कथन है कि  वास्तविकता और सत्य पर आधारित तथ्य व घटना के पक्ष में दलील देकर उसको प्रचारित या सिद्ध करने की कोई आवश्यकता नहीं होती क्योंकि सत्य खुद ही उचित समय पर स्वय सिद्ध हो जाता है।  शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।

विचार-विमर्श व बहस

दिनाँक   24 - 10 - 2022    ।। ॐ  निमित्ताय नमः ।। पावन पर्व दीपोत्सव हार्दिक शुभकामनाएं आपसी विचार-विमर्श या संवाद हमेशा बहस से बेहतर होता है क्योंकि आपसी विचार-विमर्श इसलिए किया जाता है कि क्या उचित या क्या ठीक हो सकता है जबकि बहस में अन्त तक यह अनिश्चिता सदा बनी रहती है कि क्या ठीक है या कौन सही है। शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।

डर व अवसाद से मुक्त्ति

दिनाँक   23 - 10 - 2022    ।। ॐ  निमित्तस्थाय  नमः ।। नरक चतुर्दशी अर्थात छोटी दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं। अनचाहे डर, खिन्नता, अवसाद व उद्गिवनता से हमे स्वतः ही धीरे - धीरे मुक्त्ति मिल जाती है जब हम विपरीत परिस्थितियों की हकीकत, सच्चाई और यथार्थ के प्रत्येक पहलू को समझना व स्वीकारना आरम्भ कर देते हैं।  शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।

भयानक डर

दिनाँक   22  - 10 - 2022    ।। ॐ  पिनाकवते  नमः ।। शासक, सम्पन्न, जमीदार व धनाढ्य वर्ग के लोग अपने पास तमाम धन-दौलत, गोला-बारूद और सत्ता के सभी अधिकारों के होने के वावजूद फिर भी वो सभी उस दिन से डरते हैं जब गरीब लोग निहत्थे ही उनसे डरना बन्द कर देंगें । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।

उचित स्वभाव

दिनाँक   21 - 10 - 2022    ।।  ॐ  निशाचारिणे  नमः  ।। खराब परिस्थितियों के लिये अपनी ज़िंदगी को दोष ना दें बल्कि हम अपने स्वभाव, व्यवहार व सोच में समुचित सुधार करें क्योंकि अधिकतर तनाव, अवसाद, क्षोभ  व उद्गिवनता हमारे स्वभाव की अनुचित व गलत पृवर्त्ति व प्रकृत्ति के कारण ही उत्पन्न होते हैं । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।

आचार-व्यवहार

दिनाँक   20 - 10 - 2022    ।। ॐ  कालाय नमः ।। यह भी व्यवहारिक सत्य है कि अक्सर ज़िन्दगी की विकट व प्रतिकूल परिस्थितियों की चुनोतियों का सफलतापूर्वक सामना करने के लिए ज्ञान व विद्वत्ता के साथ साथ  अनुभवी आचार-व्यवहार और निपुर्ण स्वभाव की भी आवश्यकता पड़ती है। शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।

शक्त्तिशाली व ज्ञानी

दिनाँक  19 - 10 - 2022    ।। ॐ  ईश्वराय  नमः ।। हम उस वक़्त धीरे - धीरे शक्त्तिशाली बनना आरम्भ कर देते हैं जब हम अपनी कमजोरियों को पूर्ण रूप से जान लेते हैं तथा उनमें सुधार  करना भी प्रारम्भ कर देते हैं परन्तु हम ज्ञानी व अनुभवी परामर्शदाता तब तक नहीं बन पाते हैं जब तक हम अपनी गलतियों से सीख या शिक्षा को शत - प्रतिशत ग्रहण नहीं कर लेते हैं। शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।

समाजिक सामुहिकता

दिनाँक  18  - 10 - 2022    ।। ॐ  ईशानाय नमः ।।  उस व्यक्त्ति को भी उत्साहित व प्रेरित करना चाहिए जो  प्रगति की पथ पर अग्रसर हो फिर चाहे उसकी गति मन्द या धीरे - धीरे हो क्योंकि उसका यह योगदान उसके स्वयं, समाज व राष्ट्र को लाभांवित करता है। जो सकारात्मक और प्रगतिशील समाजिक सामुहिकता की अवधारणा को सशक्त व मजबूत करता है । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।

मधुर जीवन

दिनाँक  17  - 10 - 2022    ।। ॐ  विचारविदे  नमः ।। उन्नत, सम्रद्धिशाली व मधुर जीवन को हासिल करने के लिए हम यह सुनिश्चित करें  कि हमारे सार्थक प्रयास की निरन्तरता व लय हमेशा बनी रहे क्योंकि समय का अवकाश व सपनों की मृत्यु की कभी भी नही होती है और हमारे जीवन का अस्तित्व भी अपनी आयु सीमा तक गतिमान रहता है। शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।

प्रजातांत्रिक व्यवस्था

दिनाँक   16 - 10 - 2022    ।। ॐ  सर्वचारिणे  नमः ।। प्रजातांत्रिक व्यवस्था की मूल भावना को समझने के लिये इस तथ्य को पूर्ण रूप से स्वीकारे कि आन्दोलन, प्रदर्शन और जुलूस निकालने के द्वारा ही हमारा असहमति को प्रदर्शित करने , राष्ट्र के जीवित नागरिक होने, संघर्षशील होने तथा अपने लक्ष्य पर अटल रहने का पता चलता है । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।

सामांजस्य या समझौता

दिनाँक  15 - 10 - 2022    ।। ॐ  लोकचारिणे  नमः ।। सफल जीवन सामांजस्य व समझौता जैसी दोनों व्यवहारिक नीतियों पर आधारित होता है । तालमेल या सामंजस्य उस वक़्त अवश्य करें जब कोई हमसे पूरी शिद्द्त के साथ जुड़ना चाहता हो तथा मध्य मार्ग या समझौता की नीति उस वक़्त अवश्य अपनाये जब हमें किसी से जुड़ना जरूरी हो ।  शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।

जीवन सूत्र

दिनाँक  14  - 10 - 2022    ।। ॐ  सर्वचारिणे नमः ।। समय गतिमान है तो जीवन का हर पल भी परिवर्तनशील होगा जिसके फलस्वरूप हमारे सुख व दुःख भी सदा स्थायी रूप से हमारे साथ नहीं होंगे। अतः सुख व दुःख दोनों को ही हम निर्लिप्त व निरपेक्ष भाव से अपनाये जो हमे आध्यात्मिक, सात्विक, शान्त व सरल जीवन की अनुभूति देगा । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।

शौहरत व दुआएं

दिनाँक  13  - 10 - 2022    ।। ॐ  लोकचारिणे  नमः ।। यह निश्चित है कि   हमने  लोगो के हित में जो  कृत्य या कर्म किये है उनके कारण ही हमें ढेर सारी दुआएं मिलती है और इन दुआओं के कारण ही अप्रत्यक्ष या अपरोक्ष रूप में समाज हमें पीढ़ी दर पीढ़ी याद करता है । हम यह भी कभी ना भुलें कि  केवल दुआएं ही हमारे साथ जाएंगी है ना कि  हमारी दौलत व शौहरत । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।

वचनबद्धता

दिनाँक  12  - 10 - 2022    ।। ॐ   ब्रह्मचारिणे  नमः ।। हमारे सिंद्धांतों व प्रभावशाली व्यक्तित्व के अस्तित्व को हमारे वायदे और प्रतिज्ञाऐ परिभाषित नहीं करती बल्कि हमारी वचनों व संकल्पों की प्रतिबद्धता का स्तर ही हमारे व्यक्तित्व औऱ हमारी सामाजिक स्वीकार्यता के मानको को उचित रूप से परिभाषित करतें है। शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।

आज

दिनाँक  11 - 10 - 2022    ।। ॐ   नित्यमाश्रम पूजिताय   नमः ।। यह  पूर्ण सत्यपरक तथ्य है  कि आज का दिन दुबारा हमें नहीं मिलेगा इसलिए हम इसे खूब से ख़ूबतर बनाकर अपनी ज़िंदगी के ऐतिहासिक, यादगार औऱ सुहावने दिनों की श्रंखला मे संग्रहित करें तथा इसके हर पहलू का भरपूर मस्ती के साथ आनन्द उठाये ।   शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।

कठोर शब्द

दिनाँक  10 - 10 - 2022    ।। ॐ  वाजसनाय  नमः ।। सहज व सरल भाषा ही मधुर व प्रगाढ़ सम्बन्ध का आधार होता है  क्योंकि आवेश या क्रोध में कहा गया एक भी कठोर या कड़वा शब्द इतना जहरीला हो सकता है जो अनन्त प्यार भरी व मोहक बातों को एक ही पल में नष्ट, खत्म और प्रभावहीन कर सकता है। शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।

धार्मिक जीवन शैली

दिनाँक  09 - 10 - 2022    ।। ॐ    वाचस्पत्याय  नमः ।। धार्मिक जीवन शैली की व्यापक परिभाषा और अवधारणा के अन्तर्गत हम इसको प्रकार  समझते सकते है कि सभी धर्म के अनुयायी यह सुनिश्चित करते हैं कि उनकी अपनी भाषा की शालीनता, विचारों की सात्विकता, कार्य प्रणाली तथा  स्वभाव के कारण किसी भी प्राणी को दुःख, कष्ट व पीड़ा ना पहुँचे तथा सभी प्राणी का समाजिक सम्मान व आदर भी बना रहे । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।

सुख व दुख का चक्र

दिनाँक  08 - 10 - 2022    ।। ॐ  मधवे  नमः ।। सर्वप्रथम हम यह समझे कि  हमारे कष्ट, दुःख व पीड़ा को कोई भी पूर्ण रूप से समाप्त नहीं कर सकता है अतः हम अपने अस्तित्व को इस तरह समर्थ व सुदृढ बनाए  कि हमारी खुशी, हँसी, सुख और मुस्कराहट को भी कोई हमसे छीन ना सकें। शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।

अनुकूल सामर्थ्य

दिनाँक  07 - 10 - 2022    ।। ॐ  मधुकलोचनाय   नमः ।। दुष्ट व्यक्तियों या प्रतिकूल परिस्थितियों से खिन्न, परेशान व दुःखी होने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि ये दोनों ही निष्क्रिय, शक्त्तिहीन और प्रभावहीन प्रकृति के ही है यदि हम अपनी प्रतिक्रिया में व्यवहारिक, दूरदर्शी और उपयुक्त्त विकल्प का चयन करने का अनुकूल सामर्थ्य रखते है ।  शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।

व्यवहार परिवर्तन

दिनाँक  06 - 10 - 2022    ।। ॐ  तालाय  नमः ।। दूसरों की प्रकृत्ति, स्वभाव, आदत व व्यवहार को बदलने की अपेक्षा से पहले हम अपना आत्मचिन्तन व आत्मावलोकन करें कि हमें स्वयं खुद को दूसरों की अपेक्षा के अनुसार बदलना कितना मुश्किल कार्य है अतः हम भी दूसरों  से ज्यादा अपेक्षा ना करें बल्कि उनकी प्रकृत्ति के साथ सहजता  के साथ समन्वय करने की कोशिश करें । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।

जीवटता व धैर्य

दिनाँक  05 - 10 - 2022     ।। ॐ  वृत्तावृत्तकराय  नमः ।। असत्य पर सत्य की और अधर्म पर धर्म की जीत के पावन पर्व के अवसर पर आपको परिवार सहित हार्दिक शुभ व मंगल कामनाएं  जीवटता व धैर्य के आपसी सन्तुलन व समन्वय के कारण ही मनुष्य की प्रतिभा और व्यक्तित्व में  गुणात्मक सुधार के संभावित अवसर के विकल्प प्रतिकूल परिस्थितियों में भी सदैव उपस्थित रहते है जो इस सन्तुलन एक खूबसूरत पक्ष है  शु भ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो ।  भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे ।  जय  शंकर जी की ।

अभिव्यक्ति की प्रासंगिकता

दिनाँक  04 - 10 - 2022     ।। ॐ  चमुस्तम्भनाय   नमः ।। जब धर्म, संस्कार, राजनीति, थियेटर, साहित्य, कला और सामाजिक संस्थाएं अपने संवाद या अभिव्यक्ति में विगत या वर्तमान से सम्बन्धित तथ्यों की सच्चाई को ईमानदारी से नहीं रखते तब सभी अपनी प्रासंगिकता की मूल अवधारणा को खो देते है जो भयावह अराजकता को आमन्त्रण देते है। शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो ।  भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे ।  जय  शंकर जी की ।

आनन्द का मूल-मंत्र

दिनाँक  03 - 10 - 2022     ।। ॐ  विष्कम्भिने   नमः ।। जीवन की मिठास, सौम्यता व माधुर्यता का शत-प्रतिशत आनन्द लेना है तो हमारे पास इतनी शक्त्ति, सामर्थ्य या कूबत होनी चाहिये कि हम विगत की कड़वी, बुरी व प्रतिकूल परिस्थितियों को अपने ह्रदय, मन-मष्तिषक व आचार-व्यवहार में लेश मात्र जगह ना दें और वर्तमान को उसके यथास्वरूप में स्वीकार कर सकें।  शु भ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो ।  भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे ।  जय  शंकर जी की ।

मस्त व व्यस्त जीवन

दिनाँक  02 -10 - 2022     ।। ॐ  वज्रहस्ताय  नमः ।। जीवन को मस्त व व्यस्तता के साथ जीने का एक ही मार्ग व सिंद्धांत है जो कुछ भी हमारे पास है उसका पूर्ण आनन्द लें व उससे सन्तुष्ट भी रहे । यदि कुछ अतिरिक्त्त की अपेक्षा है तो उसे प्राप्त करने के लिये गम्भीरता से सार्थक प्रयास जारी रखें । शु भ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो ।  भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे ।  जय  शंकर जी की ।